।। मौन ।।
।। मौन ।।
मौन की है साज़िश
शोर ने धरना किया है
राज़ जो खोले हैं मौन ने
शोर से ढकना पड़ा है
मौन ने उगाएं हैं बहुत पेड़ धीरे-धीरे
कुल्हाड़ी के शोर से कटना पड़ा है
और समय लगता है कुछ भी नया होने में
संघर्षों में डटना पड़ा है
वो आये शोर लेके बोला सब कुछ बदल देंगे
इस शोर में मौन को भी झुकना पड़ा है
साज़िश बस यही है मौन की कि आये मौन सबके जीवन में
शोर से बस इसीलिए तो लड़ना पड़ा है
पर
मौन की है साज़िश
शोर ने धरना किया है
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