।। वक़्त लगता है ।।

 ।। वक़्त लगता है ।।



अपनी गहराइयों से जुड़ने में

वक़्त लगता है


कि रुसवाइयों का डर बहुत होता है

और इसीलिये कई बार

अपनी ख्वाहिशों से जुड़ने में 

वक़्त लगता है


तुझे पुकार-पुकार कर कोई मर गया था वहाँ

कि तुझे आने में अक्सर

वक़्त लगता है


यूँ ही बद्नाम कर गया वो मुझको

अब उसको मेरे पास कौन लाएगा

कि तब वो मेरा अपना था 

लेकिन अब अपना बनाने में

वक़्त लगता है


उसे औरों पर ज़्यादा यकीं हो गया था

अब मुझे मनाने में 

वक़्त लगता है


उसने माना था अपना दुश्मन मुझे

पर मैंने हमेशा दुआ दी थी उसको

आज वो अफ़सोस जताए तो भी क्या

अब मुझे मनाने में 

वक़्त लगता है


यूँ ही जादू से उगा नहीं करती फसलें इश्क़ की

लम्हा-लम्हा सींचने में 

वक़्त लगता है


और कोई कितना भी इंतेज़ार करे

बीते पल वापस कहाँ मिलते हैं

क्योंकि वापस जाने में भी

वक़्त लगता है


क्योंकि वापस जाने में भी 

वक़्त लगता है


#authornitin #poem #poetry

#वक़्त_लगता_है 

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