।। हवाएँ लहराने लगीं ।।
।। हवाएँ लहराने लगीं।।
जब वो आये
हवाएँ लहराने लगीं
बहुत ज़माने बीत गए
हवाओं ने लहराना छोड़ा था
पर जब वो आये
हवाएँ लहराने लगीं
उदास थी हवाएँ उनके बिन,
गए उनको ज़माने बीते थे
पर जब वो आये
हवाएँ लहराने लगीं
मस्त ऐसे चलीं फिर
कि महक़ उठा शहर सारा
जब वो आये
हवाएँ लहराने लगीं
रातें मदमस्त हो चलीं
और फ़िज़ा का भी रंग बदल गया
जब वो आये
हवाएँ लहराने लगीं
बादल बरसने को तैयार हो गए
बिजलियाँ कड़कने लगीं झुमके
जब वो आये
हवाएँ लहराने लगीं
सूखी ज़मीन मुस्कुराने लगी
भीनी खुशबू ने उसे जो घेर लिया
बस वो आये और
हवाएँ लहराने लगीं
बहुत बरसों से उदास था सब कुछ
जैसे उजड़ी हो बस्तियाँ
पर जब वो आये
हवाएँ लहराने लगीं
और लहराईं ऐसे कि
चमन फिर से महक़ उठा
जब वो आये
हवाएँ लहराने लगीं
#हवाएँ_लहराने_लगीं #कविता #authornitin #poem #poetry
Comments
Post a Comment