।। चलो कुछ जाग जाएं ।।

।। चलो कुछ जाग जाएं ।।


अभी भी वक़्त है
कुछ बिगड़ा नहीं है अभी भी
चलो कुछ जाग जाएं

अगर सोते रहे अभी भी
तो हो सकता है कि कभी संभला ना जाये
इसलिए
चलो कुछ जाग जाएं

बहुत हो चुकी देर
जागने में
हो गई दोपहर
चलो कुछ जाग जाएं

यूँ ही चलता रहा अगर,
सफ़र ख़त्म हो जाएगा
बिना जागे ही
इसलिए
चलो कुछ जाग जाएं

तुम जागे तभी दूसरों को भी
जगा पाओगे
सोते रहे अगर
तो कभी संभल न पाओगे
इसलिए
चलो कुछ जाग जाएं

रास आता है बड़ा
सोते रहना 
बस सोते ही चले जाना
पर अब वक़्त है कि
चलो कुछ जाग जाएं

#चलो_कुछ_जाग_जाएं #authornitin #poem #poetry 

Comments

Popular posts from this blog

Importance of communication

An excerpt

Views of Napoleon Hill about Mahatma Gandhi