।। आशा ।।
।। आशा ।।
आशाओं की पहेली में
कुछ लम्हे हैं कुछ सांसें हैं
कुछ ऊपर जाती लहरें हैं
कुछ नीची जाती राहें हैं
कुछ सम्हले तो आशाएं जगीं
कुछ जागे तो आशाएं पलीं
इनकी क़ीमत बस जीवन है
जो हँसता है इनको पाकर
आशाओं से उम्मीदों से
नव प्रकाश पाकर ये हंसता है
पुलकित हो कर यूँ खिलता है
जैसे कली से पुष्प खिला
कुछ जाग गए कुछ सोये हैं
कुछ पुलकित हैं कुछ खोए हैं
कुछ गीत अधरों पर अब उभरे
आशाओं ने संगीत दिया
बिन आशा के जो सिमटे थे
आशाओं ने यूँ पंख दिया
उड़ चले हवा की बाहों में
नवजीवन का प्रकाश लिए
ये जादू है आशाओं का
जो समझ गए वो जीत गए
ये जादू है आशाओं का
जो समझ गए वो जीत गए
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