।। उम्मीद या ज़हर ।।
।। उम्मीद या ज़हर ।।
उम्मीदें ज़हर हैं
ज़हर से उम्मीद कैसी।
देखो! कोई
वक़्त के तराज़ू पर
उम्मीद लिख गया।
लिखने दो,
लिख कर चला गया।
छोड़ के
जाने वाले से उम्मीद कैसी।
उम्मीदें ज़हर हैं
ज़हर से उम्मीद कैसी।
लिखा था उसने
कि मेरी कद्र थी उसको
पर कद्र ऐसी दिखाई
कि सुकून ले गया
न ख़ुद आया
न सुकून दे गया।
छोड़ के
जाने वाले से उम्मीद कैसी।
उम्मीदें ज़हर हैं
ज़हर से उम्मीद कैसी।
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