।। कुछ बात जुनूनी हो जाये ।।
।। कुछ बात जुनूनी हो जाये ।।
कुछ बात जुनूनी हो जाये
कुछ बात सुकूनी हो जाये
वो हमेशा मुझे पर्दे के पीछे मिले
कहीं और उनसे मिल न सका मैं
बस, लेकिन, अब और नहीं
दिल के जज़्बात अब पिघलने को हैं
अब हट जाए पर्दा तो कोई बात बनें
बात बने और रात जुनूनी हो जाये
कुछ बात जुनूनी हो जाये
कुछ बात सुकूनी हो जाये
उनका आना यूँ मयस्सर न था मुझे
बस ख्वाबों में वो आते थे
अब आये रहम उनका हुआ
हम तो बस आह ही भर पाए थे
कुछ दिन रह जाते साथ तो बात बने
बात बने और रात जुनूनी हो जाये
कुछ बात जुनूनी हो जाये
कुछ बात सुकूनी हो जाये
पैरों को देखा उनके जब
एहसास हुआ कि वो सुंदर हैं बहुत
नजरें ठहरी और हट न सकी
नज़रे उनका दीदार करें सोचा ऐसा
सोचा, यूँ ही सच हो जाये तो बात बने
बात बने और रात जुनूनी हो जाये
कुछ बात जुनूनी हो जाये
कुछ बात सुकूनी हो जाये
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