।। तेरे तऱीके ।।
।। तेरे तऱीके ।।
क्यों न तेरे तऱीके हम भी सीख लें
तू चालाक बहुत है, कुछ फ़रेब हम भी सीख लें
और ज़माना हमें सिखा न सका खंज़र दिखाना
पर तु ही आ तो खंज़र दिखाना हम भी सीख लें
जो सीख लेते तुझसे, यूँ धोखा दे जाना
आ तुझसे ही बातों से मुक़र जाना हम भी सीख लें
तूने बहुत सारे ज़ख़्म दिए हैं मुझे
आ अब नमक छिड़क जाना हम भी सीख लें
और दस्तूर कुछ भी रहा हो ज़माने का
आ तुझे अब भूल जाना हम भी सीख लें
जीते जी तुझे ही प्यार करते रहे हम
आ अब मरते-मरते रूठ जाना हम भी सीख लें
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