।। हाथ अभी हैं खाली ।।
।। हाथ अभी हैं खाली ।।
मेरे हाथ अभी खाली हैं
तुम ही कुछ भर देना
तेरी तलाश में आया हूँ इधर
संवार मेरा तू कल देना
और इबादत में थोड़ा कच्चा हूँ मैं
पर रहमत मुझपर अपनी कर देना
प्यासे को तो तू ही पहचाने है
बरसात कुछ अफसानों की यूँ ही मुझपर कर देना
और संगीत उदास है तुम्हारे बिन
आकर मुझमें कुछ सुर अपने भी भर देना
क्यों इतने दूर रहते हो मुझसे खुदा ही तो हो
करीब भी आ जाना कभी, नैनों को मेरे यूँ तर देना
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