।। तोते ।।
।। तोते ।।
तोते बड़े पसंद हैं उनको
क्या करें नेता हैं वो
तोते बड़े पसंद हैं उनको
क्योंकि तोते वही बोलते हैं
जो रटाया जाए।
रटाया जाए और फिर
आने वाले मेहमानों के बीच
बोला जाए कि मिट्ठू
बोलो राम-राम।
और वो बोलता है
राम-राम।
क्योंकि उसे और कुछ बोलना सिखाया ही नहीं।
इसीलिए तोते बड़े पसंद हैं उनको
क्योंकि सिर्फ वही बोलते हैं
जो रटाया जाए।
सिर्फ उतना ही बोलते हैं
जितना सिखाया जाए।
तोते बड़े पसंद हैं उनको
क्योंकि नहीं करते कभी कोई सवाल।
और फिर एक दिन आया
तोते ने उड़ना चाहा।
गुस्सा आया मालिक को,
कि जिसे मैंने बोलना तक़ नहीं सिखाया,
वो उड़ेगा? कैसे उड़ेगा,
इतनी हिम्मत, इतना दुस्साहस,
उन्होंने काट दिए उसके पंख।
क्योंकि जो जितना झुकता है
उसे उतना ही और झुकाया जाता है
फिर वो तोता हो या इंसान।
याद रखना कि अगर जीना है इज़्ज़त से,
तो पूछना ही होता है सवाल।
तोते की तरह मत जीना
क्योंकि तोता तो पिंजरे में ही जी पाता है।
सिर्फ़ उतना मत बोलना
जितना सिखाया जाए।
ज़रूरी है कि सवाल उठाए जाएं,
ज़रूरी है कि वो भी बोला जाए
जिसको सुनना मालिकों को पसंद नहीं।
तोते बड़े पसंद हैं उनको
क्या करें नेता हैं वो
तोते बड़े पसंद हैं उनको
क्योंकि तोते वही बोलते हैं
जो रटाया जाए।
और इसीलिए तोते की तरह मत बनना
पूछना कुछ सवाल।
और इसीलिए तोते की तरह मत बनना
पूछना कुछ सवाल।
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