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Showing posts from October, 2020

।। तेरी आंखें ।।

  ।। तेरी आंखें ।। नज़ाकत हो तो दरख्वास्त डालूं के कायल हूँ मैं तेरी आँखों का इतना नशा शराब में भी नहीं के घायल हूँ मैं तेरी आँखों का पिया था जाम पिछले साल नशा क़ायम है अब तक़ ये तेरी आँखों का रह-रह कर पूछता फिरता हूँ दुनिया से के कौन सा ये जाम है इन तेरी आँखों का पिलाया मत करो इतना नहीं तो गुनाहगार हो जाऊंगा तेरी आँखों का पिला के दूर भाग जाते हो, आओ थोड़ा और पिलाओ के दरिया नशीला है ये तेरी आँखों का #तेरी_आंखें #कविता #authornitin #poem #poetry #poetrylovers 

।। हाथ अभी हैं खाली ।।

  ।। हाथ अभी हैं खाली ।।   मेरे हाथ अभी खाली हैं तुम ही कुछ भर देना तेरी तलाश में आया हूँ इधर संवार मेरा तू कल देना और इबादत में थोड़ा कच्चा हूँ मैं पर रहमत मुझपर अपनी कर देना प्यासे को तो तू ही पहचाने है बरसात कुछ अफसानों की यूँ ही मुझपर कर देना और संगीत उदास है तुम्हारे बिन आकर मुझमें कुछ सुर अपने भी भर देना क्यों इतने दूर रहते हो मुझसे खुदा ही तो हो करीब भी आ जाना कभी, नैनों को मेरे यूँ तर देना #authornitin #poem #poetry #कविता 

।। तोते ।।

  ।। तोते ।। तोते बड़े पसंद हैं उनको क्या करें नेता हैं वो तोते बड़े पसंद हैं उनको क्योंकि तोते वही बोलते हैं जो रटाया जाए। रटाया जाए और फिर आने वाले मेहमानों के बीच बोला जाए कि मिट्ठू बोलो राम-राम। और वो बोलता है राम-राम। क्योंकि उसे और कुछ बोलना सिखाया ही नहीं। इसीलिए तोते बड़े पसंद हैं उनको क्योंकि सिर्फ वही बोलते हैं जो रटाया जाए। सिर्फ उतना ही बोलते हैं जितना सिखाया जाए। तोते बड़े पसंद हैं उनको क्योंकि नहीं करते कभी कोई सवाल। और फिर एक दिन आया तोते ने उड़ना चाहा। गुस्सा आया मालिक को, कि जिसे मैंने बोलना तक़ नहीं सिखाया, वो उड़ेगा? कैसे उड़ेगा,  इतनी हिम्मत, इतना दुस्साहस, उन्होंने काट दिए उसके पंख। क्योंकि जो जितना झुकता है उसे उतना ही और झुकाया जाता है फिर वो तोता हो या इंसान। याद रखना कि अगर जीना है इज़्ज़त से, तो पूछना ही होता है सवाल। तोते की तरह मत जीना क्योंकि तोता तो पिंजरे में ही जी पाता है। सिर्फ़ उतना मत बोलना जितना सिखाया जाए। ज़रूरी है कि सवाल उठाए जाएं, ज़रूरी है कि वो भी बोला जाए जिसको सुनना मालिकों को पसंद नहीं। तोते बड़े पसंद हैं उनको क्या करें नेता हैं वो तोते बड़े पसंद...

।। आह ।।

  ।। आह ।। कहीं कुछ पिघल जाए वो तख़्त-ओ-ताज हिल जाए तो मत कहना  कि गरीब के दिल से आह निकली थी तेरी सियासत तभी तक़ है बाक़ी के तुझे कोई दुआ देता रहे के कहीं तुझे याद करता रहे कुछ तेरे प्यारे से दिल के लिए मगर तू आया जब से कुर्सी पर तेरा अहम तुझे निगलने लगा तू करने लगा ख़ुदा बनने की कोशिश और इंसान ही न बन पाया तो जो कुर्सी हाथ से निकल जाए और टोपी नीचे गिर जाए तो मत कहना  कि गरीब के दिल से आह निकली थी बड़े ही शौक़ से तुझे बनाया था लोगों ने सजाई थी थाल तेरे स्वागत में गाये थे प्यार के नग़मे तेरे लिए अब वही लोग जूते की माला पहनाएं तुझे नफ़रत के नग़मे सुनाएं तो मत कहना  कि गरीब के दिल से आह निकली थी कभी यही लोग तेरे कायल थे तेरी तस्वीर दिलों में सजाते थे लगाते थे जयकारे तेरे नाम के सजाते थे तेरी राहों को फूलों से अब वही लोग तेरे पुतले जलाएं तुझे रावण कह के बुलायें तो मत कहना  कि गरीब के दिल से आह निकली थी #आह #कविता #poem #poetry 

।। क्या कहना ।।

  ।। क्या कहना ।। ज़िंदा लाशों के देश मे क्या रहना मुर्दा हुए जाते हैं जस्बात भी क्या कहना क्यों रहना वहाँ जहाँ कुछ नया नहीं होता बस जम जाते हैं ख़यालात भी क्या कहना ये दस्तुरों की बस्ती है इंसानों का क्या काम दस्तुरों के खूंटों से बंधे हैं इंसान क्या कहना हर तरफ़ बस दस्तूर हैं हावी यहाँ तो हिजाब और घूंघट ने छिपा रखा है इंसान क्या कहना दस्तूर ही बताते हैं यहाँ कि बस्ती किसकी है जात-पात में यहाँ बटा है इंसान क्या कहना और वक़्त ही गुज़ारना है तो कहीं और चलते हैं के वहम पाले बैठा है यहाँ इंसान क्या कहना #authornitin #क्या_कहना #कविता #poem #poetry 

।। कहाँ क्यों कैसे ।।

  ।। कहाँ क्यों कैसे ।। कहाँ क्यों कैसे कुछ  बदलता है यहाँ तो सब कुछ वैसे का वैसा  ही रहता है कहाँ बदलती है राजनीति सब वही तो होता है सब वही तो होता है दशकों से वही भीड़ है वही भीड़ है जो देती है जात के नाम पर वोट वही भीड़ है जो देती है चंद रुपयों के बदले वोट कहाँ क्यों कैसे कुछ  बदलता है यहाँ तो सब कुछ वैसे का वैसा  ही रहता है जिन्हें लगता है कि कुछ बदला है तो हाँ हो सकता कुछ बदला हो क्योंकि यहाँ बदलते हैं नेता अपनी पार्टी चुनाव जीतने के बाद और हाँ टोपी भी बदलते हैं कभी लाल हो जाती है तो कभी पीली लेकिन नहीं बदलता है इनका चरित्र उसमें ये पक्के हैं तय है कि आपको ठगेंगे उसमे ये पक्के हैं जहाँ तक हो सकेगा सरकारी माल उड़ाएँगे उसमे ये पक्के हैं पहुंचाएंगे फ़ायदा अपने कॉरपोरेट मित्रों को उसमे ये पक्के हैं अपना कमीशन ज़रूर खाएंगे उसमे ये पक्के हैं कहाँ क्यों कैसे कुछ  बदलता है यहाँ तो सब कुछ वैसे का वैसा  ही रहता है कहाँ रुकती है  किसान की आत्महत्या कहाँ रुकता है बेरोज़गार की आँखों से बहता पानी कहाँ बदलते हैं चुनाव में किये गए वादे दशकों से वही वादे कहाँ बदलते ...

।। बेपरवाही ।।

  ।। बेपरवाही ।। वो जो कहीं से  बेपरवाही आयी थी कभी उसे संभाल के रखना  खोना नहीं कभी बड़ी मुश्किल से आती है ये बेपरवाही कभी-कभी बहुत कुछ  बहुत कुछ खोने के बाद परवाह ही करता रहता है पूरी ज़िन्दगी इंसान कभी समाज की, कभी इसकी तो कभी उसकी, कभी उन चार लोगों की उन चार लोगों की, जिनसे वो शायद  मिलता ही नहीं कभी, पूरी ज़िन्दगी पूरी ज़िन्दगी बस परवाह करता रहता है चार लोग क्या कहेंगे खो देता है अपनी आजादी उन चार लोगों की परवाह में तो अगर बेपरवाही आयी  तो खुशकिस्मत हो, आई तो सही और खासकर के गर औरत हो तुम और बेपरवाही आई तो आने दो क्योंकि कट जाती है ज़िन्दगी  दूसरों की परवाह करते-करते इसलिए वो जो कहीं से  बेपरवाही आयी थी कभी उसे संभाल के रखना  खोना नहीं कभी वो चार लोग कभी नहीं मिलते मिलते भी हैं तो उनकी परवाह न करना क्योंकि वो चार लोग होते हैं दमनकारी वो चार लोग होते हैं ठेकेदार होते हैं ठेकेदार समाज के वो चाहते हैं अपना वर्चस्व इसलिए समझना तुम्हें ही है कि क्या चाहिए, उनका वर्चस्व या स्वतंत्रता स्वतंत्रता जीवन की, स्वतंत्रता खुश रहने की तो भूल जाओ उन चार लोगो...

।। लिख देना ।।

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  ।। लिख देना ।। सूरज ढलने को आये शाम जो कुछ इतराए तो कुछ लिख देना लिख देना  कि आयी थी तेरी याद उस शाम भी  और सूरज के ढलते ही चाँद निकल आया था लिख देना  कि शाम महकी थी उसे भी याद तेरी आई थी कुछ गीत यूँ ही लिख देना कुछ छंद यूँ ही लिख देना लिख देना जल्दी से कि सूख न जाये स्याही कि स्याही चुराई थी तुमने चुराई थी आसमान के ही रंगों से शाम ढल जाए न कहीं ढलने से पहले लिख देना लिख देना कि उदास थे उसके बिन कि बैठे थे तन्हा उस शाम कि कुछ कहने को नहीं था उदासी इतनी गहरी थी लिख देना कि फिर भी उस उदासी में कुछ उभरा और ढल गया ढल गया गीतों में लिख देना फिर एक गीत जो उभरा तुम्हारे अंतर्मन से फिर रात जो करवट ले चाँद उभरने को आये तो कुछ लिख देना सूरज ढलने को आये शाम जो कुछ इतराए तो कुछ लिख देना #लिख_देना #कविता #poem #poetry #authornitin 

।। Is Still Alive ।।

  ।। Is Still Alive ।। That wish of the heart Is still alive Sad in longing for you My loneliness Is still alive Your memory And your picture in my heart Is still alive Some moments got scattered somewhere But in those moments, your Shadow Is still alive Alive are those dreams That I saw lonely And the love for those dreams Is still alive Moments are still going But your memory in those moments Is still alive Slowly-slowly and slowly it is going My life is going But your search in my life Is still alive That you are God For whom I am searching for Thirst for you in my soul Is still alive Every bit of my body Is calling you Because, thirst for you in my soul Is still alive Thirst for you in my soul Is still alive #authornitin #poem #poetry #spiritual #God #is_still_alive 

।। चाँद का साया ।।

  ।। चाँद का साया ।। कहीं से खूबसूरत शाम देख ली मैंने डूब के उतराया था, चाँद का साया वही पर तुम भी आये थे गहराया और, चांद का साया वो इश्क़ था शायद तुम्हारे नाम का कि जो उतराया था, चाँद का साया के ज़ख्मी दिल न होता तो क्या होता फिर के देख के तुमको लहराया था, चाँद का साया मैं भी डूब जाता फिर उसी साये की बाहों में क्या खूब तुमने भी दिखलाया था, चाँद का साया तुम जो साथ न होते उस शाम तो याद भी न करता मैं, वो चाँद का साया कहीं से खूबसूरत शाम देख ली मैंने डूब के उतराया था, चाँद का साया #poem #poetry #कविता #चाँद_का_साया #authornitin 

।। अभी बाक़ी है ।।

  ।। अभी बाक़ी है ।। दिल की वो आरज़ू  अभी बाकी है तेरी जुस्तज़ू में उदास  मेरी तन्हाई अभी बाक़ी है बाक़ी है तेरी याद और दिल में तस्वीर तेरी अभी बाक़ी है कही कुछ लम्हे बिखर गए पर उन लम्हो में, तेरी परछाईं अभी बाक़ी है बाकी हैं वो ख्वाब जो तन्हा देखे थे कभी और उन ख्वाबों की तासीर अभी बाकी है  लम्हें तो कटा करते हैं आजकल भी पर उन लम्हों में तेरी याद  अभी बाक़ी है कटते-कटते बस यूं ही कटी है ये ज़िन्दगी मेरी के ज़िन्दगी में तेरी तलाश अभी बाकी है के तू ख़ुदा है  जिसे तलाशता हूँ मैं मेरी रूह में तेरी प्यास  अभी बाक़ी है ज़र्रा-ज़र्रा मेरे जिस्म का पुकारे है तुझे के मेरी रूह में तेरी प्यास  अभी बाकी है के मेरी रूह में तेरी प्यास अभी बाकी है #अभी_बाक़ी_है #authornitin #poem #poetry #spiritual #ख़ुदा 

।। If You Can't ।।

  ।। If You Can't ।। If you can't inhale The fragrance of Ram Then you are unfortunate If you can't have glimpse Of the beauty of Ram Then you are unfortunate Ram has his own way  He has the courage Courage to learn something To learn something even from his enemy If you can't inhale The fragrance of Krishna Then you are unfortunate If you can't have glimpse Of the beauty of Krishna Then you are unfortunate Krishna has his own way He has the courage Courage to be joyful To be joyful even in middle of a war If you can't inhale The fragrance of Buddha Then you are unfortunate If you can't have glimpse Of the beauty of Buddha Then you are unfortunate Buddha has his own way He has the courage Courage of being answerable Of being answerable even to his own statements He says that don't believe in anything  Don't believe in anything without experiencing He says that don't believe even on his statements Don't believe in anything without experiencing...