।। कभी शिद्दत से मिलना ।।

।। कभी शिद्दत से मिलना ।।




कभी शिद्दत से मिलना
तो ही मिलने का मज़ा है दोस्तों

किस्मत से ही कभी मुलाकात होती है
ये उसकी ही रज़ा है दोस्तों

और मिल भी लिए अगर तो क्या हुआ
ग़र दिल ही न मिला हो दोस्तों

क्या हुआ जो दूर थे अब तक़
दिल तो क़रीब रहा है दोस्तों

जो महसूस हुआ था दूर रहके
वो कुछ तो दूर हुआ है दोस्तों

और एहसास हुआ था कि तूने आवाज़ दी है
मैं तभी तो ढूँढते हुए आया हूँ दोस्तों

के लहज़ा कुछ भी रहा हो मेरा इज़हार करने को
इज़हार तो प्यार का ही किया है दोस्तों

रहो कहीं भी दुआ ही दिल से आती है
कि इश्क़ हमेशा ही क़ायम रहा है दोस्तों

लब पर जो नाम रहता है हर वक़्त
कभी तुमने भी क्या सुना है दोस्तों

ज़रूर वो तुम्हारा ही नाम था
तुमने सुना हो या न सुना हो ऐ दोस्तों

वो मंज़र हवाओं में घुल गया था
जो खुशबू लाया था तुम्हारे आने की ऐ दोस्तों

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