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।। क्यों देख रहा है ।।

  ।। क्यों देख रहा है ।। कुछ रोशनी कम-सी तो नहीं है ये सांस भी बेदम-सी तो नहीं है भर लो थोड़ी सी जो नमीं है आंखों में कहीं प्याले में आंसुओं की कमी तो नहीं है रोज़ देखता हूँ कि वो मुझे देख रहा है सवाल है कि क्यों देख रहा है उसीके उसूल हैं और उसी का डंडा फिर हर बात में वो मुझे क्यों घूर रहा है बनाया सब कुछ जब उसी ने ही है चलाता सब कुछ जब वो खुद ही से है तो क्यों मुझपर चलता रहा है उसका डंडा क्यों सफ़र में मैं अकेला हूँ वो भी नहीं है हिम्मत है तो आये वो साथ मेरे  चले कुछ दूर वो भी तो साथ मेरे क्यों छोड़ रखा है उसने मुझको अकेला  साथ क्यों वो मेरे नहीं है रात भर ये सवालात चलते हैं मेरे ज़हन में क्यों नम हैं इस शहर में, हज़ारों आंखे  क्यों बिकता है सब कुछ चंद सिक्कों की ख़ातिर क्यों वो सिर्फ देखता है, करता कुछ भी नहीं है #authornitin #poem #poetry #shayari #hindi #hindishayari #kavita #hindikavita #कविता #शायरी 

।। मसरूफियत ।।

  ।। मसरूफियत ।। तेरी मसरूफियत है ऐसी के बस तन्हाइयां हैं हम नहीं हैं। ये बादल है अकेला पर इसको इसका ग़म नहीं है। ये जादू है सफ़र का के चलना है पर दम नहीं है। उस शाम आँखों में झाँका तेरी रुसवाइयों का ग़म नहीं है। वो इश्क़ में भी है अकेला पर उसको इसका भी ग़म नहीं है। दिलों में तन्हाइयां हैं बेशक पर राहों पर भीड़ कुछ कम नहीं है। कई किस्से हैं कई कहानियां पर इन किस्सों में शायद हम नहीं हैं। #authornitin #poem #poetry #hindipoetry #hindishayari 

।। मसला ।।

  ।। मसला ।। कहीं नोट बन्द हुई  तो कहीं दिल को क़रार आया कहीं मसला पैदा हुआ तो कहीं मलाल आया आये तो थे वो  तरक़्क़ी लाने की ख़ातिर पर कहीं भूख आई और कही भूचाल आया ज़माने भर के लोग साथ थे उनके आंखें बन्द कर राज़दार थे उनके पर आई बेबसी हाथ उनके भी कहीं भुखमरी तो कहीं अकाल आया राह देख रहीं जो आंखें, खुशहाली की उनके हिस्से भी बस सवाल आया कहीं सब बन्द है  तो कहीं सब खुला-खुला बस कहीं पेट की भूख है तो कहीं चुनाव आया मसला तो बस चुनाव ही है साहब भूखा, बीमार, बेरोज़गार तो हर साल आया देख लेंगे कभी न कभी इनको भी आख़िर चुनाव तो इतने साल बाद आया #authornitin #poem #poetry #hindishayari 

।। आशा ।।

  ।। आशा ।। आशाओं की पहेली में कुछ लम्हे हैं कुछ सांसें हैं कुछ ऊपर जाती लहरें हैं कुछ नीची जाती राहें हैं कुछ सम्हले तो आशाएं जगीं कुछ जागे तो आशाएं पलीं इनकी क़ीमत बस जीवन है जो हँसता है इनको पाकर आशाओं से उम्मीदों से  नव प्रकाश पाकर ये हंसता है पुलकित हो कर यूँ खिलता है जैसे कली से पुष्प खिला कुछ जाग गए कुछ सोये हैं कुछ पुलकित हैं कुछ खोए हैं कुछ गीत अधरों पर अब उभरे आशाओं ने संगीत दिया बिन आशा के जो सिमटे थे आशाओं ने यूँ पंख दिया उड़ चले हवा की बाहों में नवजीवन का प्रकाश लिए ये जादू है आशाओं का जो समझ गए वो जीत गए ये जादू है आशाओं का जो समझ गए वो जीत गए #आशा #authornitin #author #poet #poem #poetry #poetrylover #shayari #hindipoem #hindi #hindishayari 

।। वक़्त का दरवाज़ा ।।

  ।। वक़्त का दरवाज़ा ।। वक़्त के दरवाज़े संकरे हैं और दहलीज़ चौड़ी है। पर इसी संकरे दरवाज़े  और चौड़ी दहलीज़ के बीच मैंने एक नाम लिखा है। जो भी आएगा या गुज़रेगा इस दरवाज़े के बीच से वो देखेगा इस नाम को। देखेगा कि वक़्त के  इस दरवाज़े से बहुत नाम गुज़रे। पर एक नाम लिख गया इस दरवाज़े के ऊपर। संकरे दरवाज़ों से भले ही गुज़रना मुश्किल होता हो। भले ही मुश्किल होता हो चौड़ी दहलीजें लांघना। पर कुछ लोग न सिर्फ गुज़रते हैं और लांघते हैं बल्कि अपना नाम भी  अमिट छोड़ जाते हैं। छोड़ जाते हैं लिखा हुआ उसी संकरे दरवाज़े के ऊपर। दिखा देते हैं कि ये नाम कभी मिट न सका क्योंकि इसने हिम्मत दिखाई। इसने हिम्मत दिखाई  और फांद गया ये चौड़ी दहलीज़ों को। और लिख गया अपना नाम कभी न मिटने देने के लिए। होते हैं ऐसे कुछ सरफिरे जो आते हैं पर कभी नहीं जाते। कभी नहीं जाते समय के उस पार समय उन्हें रहने देता है अमिट। इसीलिए समय के इस संकरे दरवाज़े पर मैंने एक नाम लिखा है। थोड़ा करीब और करीब जाकर देखा तो नाम मेरा ही है। हाँ मेरा ही है। #authornitin #poem #poetry #hindipoetry #shayari #poet #author 

।। कमाल ।।

  ।। कमाल ।। क्या कमाल का लिखा है तुमने कि हम पढ़ते रहे, पढ़ते रहे और शाम हो गई नशा इस कदर था लिखावट में तेरी कि पैमाने रखे रहे फिर भी आंखें मेरी बदनाम हो गईं राज़-दर-राज़ खुलते रहे परत-दर-परत दिल ऐसा लगा के सुबह से शाम हो गई कोई मेरा भी इंतेज़ार करता रहा  कहीं दूर राह फिर बदनाम हो गई वो सिर्फ़ राह को कोसते बैठा रहा मेरी खातिर उसकी मोहब्बत कुछ यूँ जवान हो गई तेरी लिखावट का जादू जो अभी बयाँ हुआ है सारी कायनात इस तरह तुझपे मेहरबान हो गई #authornitin #poem #poetry #shayari 

।। मुकम्मल ।।

  ।। मुकम्मल ।। कभी मोहब्बत के सहारे मुकम्मल हो जाऊं शायद तेरी खुशी में अपनी खुशी रखता हूँ ज़माना चाँद पर जा पंहुचा होगा मगर मैं तो तुझमें ही अपनी सारी ज़मीं रखता हूँ तू रहबर है मेरा और तुझे ये इल्म भी नहीं कि इबादत में तेरी सारी उमर रखता हूँ तू कह भर देना कभी जान देने के लिए तुझे सीने में बसा के मर जाने का हुनर रखता हूँ और जो तू हँस दे तो मुकम्मल ये जहाँ हो जाये ज़फ़र होने को ये उम्मीद-ए-नज़र रखता हूँ ज़माना कुछ भी कहे मैं मोहताज़ नहीं ज़माने का हो जाये मुकम्मल ये इश्क़ मैं वो जिगर रखता हूँ #authornitin #poem #poetry #mukammal #मुकम्मल #हिंदी #hindi #hindipoetry #kavita #shayari