।। गांधी और दीमक ।।

 ।। गांधी और दीमक ।।



गांधी की पाठशाला में

दीमक भी थे।


कोशिश की कि दीमक

भी पढ़-लिख जाएं।


पर वो तो दीमक थे

किताब ही चाट गये।


गांधी की अहिंसा की 

क़िताब उन्हें समझ न आई।


दीमक तो किताबों को 

सिर्फ चट करना जानते हैं।


दीमक अनपढ़ ही रहे

और अंततः गांधी को मरना पड़ा।


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