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।। आशा ।।

  ।। आशा ।। आशाओं की पहेली में कुछ लम्हे हैं कुछ सांसें हैं कुछ ऊपर जाती लहरें हैं कुछ नीची जाती राहें हैं कुछ सम्हले तो आशाएं जगीं कुछ जागे तो आशाएं पलीं इनकी क़ीमत बस जीवन है जो हँसता है इनको पाकर आशाओं से उम्मीदों से  नव प्रकाश पाकर ये हंसता है पुलकित हो कर यूँ खिलता है जैसे कली से पुष्प खिला कुछ जाग गए कुछ सोये हैं कुछ पुलकित हैं कुछ खोए हैं कुछ गीत अधरों पर अब उभरे आशाओं ने संगीत दिया बिन आशा के जो सिमटे थे आशाओं ने यूँ पंख दिया उड़ चले हवा की बाहों में नवजीवन का प्रकाश लिए ये जादू है आशाओं का जो समझ गए वो जीत गए ये जादू है आशाओं का जो समझ गए वो जीत गए #आशा #authornitin #author #poet #poem #poetry #poetrylover #shayari #hindipoem #hindi #hindishayari 

।। वक़्त का दरवाज़ा ।।

  ।। वक़्त का दरवाज़ा ।। वक़्त के दरवाज़े संकरे हैं और दहलीज़ चौड़ी है। पर इसी संकरे दरवाज़े  और चौड़ी दहलीज़ के बीच मैंने एक नाम लिखा है। जो भी आएगा या गुज़रेगा इस दरवाज़े के बीच से वो देखेगा इस नाम को। देखेगा कि वक़्त के  इस दरवाज़े से बहुत नाम गुज़रे। पर एक नाम लिख गया इस दरवाज़े के ऊपर। संकरे दरवाज़ों से भले ही गुज़रना मुश्किल होता हो। भले ही मुश्किल होता हो चौड़ी दहलीजें लांघना। पर कुछ लोग न सिर्फ गुज़रते हैं और लांघते हैं बल्कि अपना नाम भी  अमिट छोड़ जाते हैं। छोड़ जाते हैं लिखा हुआ उसी संकरे दरवाज़े के ऊपर। दिखा देते हैं कि ये नाम कभी मिट न सका क्योंकि इसने हिम्मत दिखाई। इसने हिम्मत दिखाई  और फांद गया ये चौड़ी दहलीज़ों को। और लिख गया अपना नाम कभी न मिटने देने के लिए। होते हैं ऐसे कुछ सरफिरे जो आते हैं पर कभी नहीं जाते। कभी नहीं जाते समय के उस पार समय उन्हें रहने देता है अमिट। इसीलिए समय के इस संकरे दरवाज़े पर मैंने एक नाम लिखा है। थोड़ा करीब और करीब जाकर देखा तो नाम मेरा ही है। हाँ मेरा ही है। #authornitin #poem #poetry #hindipoetry #shayari #poet #author 

।। कमाल ।।

  ।। कमाल ।। क्या कमाल का लिखा है तुमने कि हम पढ़ते रहे, पढ़ते रहे और शाम हो गई नशा इस कदर था लिखावट में तेरी कि पैमाने रखे रहे फिर भी आंखें मेरी बदनाम हो गईं राज़-दर-राज़ खुलते रहे परत-दर-परत दिल ऐसा लगा के सुबह से शाम हो गई कोई मेरा भी इंतेज़ार करता रहा  कहीं दूर राह फिर बदनाम हो गई वो सिर्फ़ राह को कोसते बैठा रहा मेरी खातिर उसकी मोहब्बत कुछ यूँ जवान हो गई तेरी लिखावट का जादू जो अभी बयाँ हुआ है सारी कायनात इस तरह तुझपे मेहरबान हो गई #authornitin #poem #poetry #shayari 

।। मुकम्मल ।।

  ।। मुकम्मल ।। कभी मोहब्बत के सहारे मुकम्मल हो जाऊं शायद तेरी खुशी में अपनी खुशी रखता हूँ ज़माना चाँद पर जा पंहुचा होगा मगर मैं तो तुझमें ही अपनी सारी ज़मीं रखता हूँ तू रहबर है मेरा और तुझे ये इल्म भी नहीं कि इबादत में तेरी सारी उमर रखता हूँ तू कह भर देना कभी जान देने के लिए तुझे सीने में बसा के मर जाने का हुनर रखता हूँ और जो तू हँस दे तो मुकम्मल ये जहाँ हो जाये ज़फ़र होने को ये उम्मीद-ए-नज़र रखता हूँ ज़माना कुछ भी कहे मैं मोहताज़ नहीं ज़माने का हो जाये मुकम्मल ये इश्क़ मैं वो जिगर रखता हूँ #authornitin #poem #poetry #mukammal #मुकम्मल #हिंदी #hindi #hindipoetry #kavita #shayari 

।। नशा ।।

  ।। नशा ।। नशे को छोड़ने की खातिर भी नशा करते रहे हम कुछ इस तरह बस जीने के लिए मरते रहे हम बदस्तूर फ़ुरसत के साथ वो मिला करे थे हमसे मगर दूर रहकर भी बस उनसे ही मिलते रहे हम कहने को वो गले हमसे ही मिला करते थे और राज़ गले मिलकर बस देते रहे हम हर अंदाज़ में कुछ न कुछ मतलब रहता था उनका और इश्क़ में डूब कर बस मिटते रहे हम राज़ ये है कि अब उनको कोई मतलब नहीं हमसे बस इसी ग़म में ये नशा करते रहे हम नशे को छोड़ने की खातिर भी नशा करते रहे हम कुछ इस तरह बस जीने के लिए मरते रहे हम #authornitin #poem #poetry #shayari #poetrylover #kavita #hindikavita 

।। दरिया ।।

  ।। दरिया ।। ये दरिया है कुछ और नही है ये दृष्टा है कुछ और नहीं है समेटे हुए है रास्ते अपने भीतर वो रास्ते जिनसे कभी गुजरा होगा या वो रास्ते जिनसे कभी गुजरना होगा ये दृष्टा है कुछ और नहीं है इसे पता है बहने में जो मज़ा है रुकने में नहीं है रास्ते तो खुद ही बन जाते हैं इसे पता है अनवरत चलने का मज़ा पता है इसे ये दरिया है कुछ और नहीं है छलकना तरंगित होना पता है इसे पत्थरों से टकरा भी संगीत बनना पता है इसे सूरज की किरणों से इंद्रधनुष होना पता है इसे ये दरिया है कुछ और नहीं है चाँद को अलंकृत करना पता है इसे ये दृष्टा है कुछ और नहीं है #authornitin #poem #poetry #kavita #hindikavita #दरिया #कविता 

।। चमकते चेहरे ।।

  ।। चमकते चेहरे ।। चमकते चेहरे  फिसलती निगाहों से  डरते हैं। सोचते हैं कि निगाहें कहीं और न जाएं, टिक जाएं बस उन्ही पर। बस टिक जाएं चमकते चेहरे पर। चमकते चेहरे चाहते हैं गुलाम निगाहें। ऐसी निगाहें जो बस उन्हीं पर टिकी रहें। इसीलिए चमकते चेहरे होते हैं तानाशाह। चाहते हैं गुलाम। ऐसे गुलाम जो घूमते रहें उनके चारों तरफ। ऐसे गुलाम जो माने  उनकी हर बात। चमकते चेहरे स्त्री या पुरुष नहीं होते। होते हैं थोड़े अतरंगी कभी बेइंतहा खुशी तो कभी ग़म समेटे हुए। चमकते चेहरे कभी-कभी होते हैं थोड़े मजबूर। मजबूर  कुछ छुपाने को शायद कभी ग़म, तो कभी तन्हाई, तो कभी नियत। लेकिन चमकते चेहरे भी होते हैं हमारे और आपके ही जैसे। होते हैं हममे से ही  कोई एक कुछ तलाश लिए हुए। कभी अपने तो कभी  अपने अस्तित्व की। तलाश अपने संसार की या फिर  अपनी शोर में तन्हाई की। लेकिन इन सबके बीच भी चमकते चेहरे  फिसलती निगाहों से  डरते हैं। #authornitin #poem #poetry #चमकते_चेहरे #कविता #hindikavita #shayari