।। मास्क ।।
।। मास्क ।।
मुखौटे चारों तरफ थे
मुखौटों को ही बस हम देखते थे
पहली बार मुखौटों को मास्क ने छुपाया
वाह तेरी कुदरत ने ये क्या दिन दिखाया
मुखौटे पहले ही बहुत थे चेहरे छुपाने को
मास्क ने फिर क्यों ये कहर ढाया
पहली बार मुखौटों को मास्क ने छुपाया
वाह तेरी कुदरत ने ये क्या दिन दिखाया
#authornitin #poem #poetry #hindi #kavita #मास्क
Comments
Post a Comment