।। तो क्या हो जाएगा ।।
।। तो क्या हो जाएगा ।।
लोग याद भी कर लें तो क्या हो जाएगा,
लोग भूल भी जाएं तो क्या हो जाएगा।
यही है ज़िन्दगी की हक़ीक़त,
उड़ भी लिए तो क्या हो जाएगा।
बिफ़र कर रोना तो आता है तेरी मौत पर ऐ दोस्त,
कुछ लोग तेरे लिए रो भी दिए तो क्या हो जाएगा।
रोते आये हैं लोग पहले भी बहुत बार,
एक बार और रो दिए तो क्या हो जाएगा।
कहीं इत्तेफ़ाक़ तो नहीं था तेरा आना और फिर यूँ चले जाना,
बदस्तूर जारी है दस्तूर आने जाने का,
लगी है लाइन आने जाने वालों की,
यही होता रहा है, फिर हो गया तो क्या हो जाएगा।
जीता रहता है इंसान कुछ गुमान करते हुए,
गुमान न भी हुआ तो क्या हो जाएगा।
जाना तो सबको है एक न एक दिन,
अमीरों को याद करते हैं बहुत लोग,
गरीब को भूल भी गए तो क्या हो जाएगा।
जीते जी वो ग़म को संभाल न सका,
मरते वक्त ग़मगीन रह गया तो क्या हो जाएगा।
और सुना है बड़े दुःखी हैं लोग तेरे जाने के बाद,
सब भ्रम है, कल मुस्कुराते नज़र आये तो क्या हो जाएगा।
सब इत्तेफ़ाक़ है, न तू सच है न मैं हूँ सच,
जाना तो पड़ेगा ही एक दिन,
तू सच जान भी गया तो क्या हो जाएगा।
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