।। हो सकता है मै जीत जाऊं ।।
।। हो सकता है मै जीत जाऊं ।।
हारने या जीतने
का नाम ज़िन्दगी नहीं
हो सकता है मैं हार जाऊं
हो सकता है मै जीत जाऊं
ज़िन्दगी तो एहसास है लड़ने का
ज़िन्दगी तो एहसास है
ये साबित करने का
कि मैं मरा नहीं
अभी ज़िंदा हूँ
क्या हुआ गर हार गया
ज़िन्दगी तो एहसास है
कि लड़ता रहा
उस ईश्वर से ये कहता रहा
कि देख तूने व्यर्थ मुझे रचा नहीं
ज़िन्दगी तो एहसास है
कि कहता रहा
बहूँगा तोड़ हर बंधन को मैं
कहता रहा कि तेरे इस संसार को सजाऊंगा
और नए फूल अब खिलाऊंगा
हारने या जीतने
का नाम ज़िन्दगी नहीं
हो सकता है मैं हार जाऊं
हो सकता है मै जीत जाऊं
ज़िन्दगी तो एहसास है
नित नए सृजन गढ़ने का
कुछ नई कोपलें खिलाने का
फिर हार गया तो हार गया
कोई बात नहीं
ज़िन्दगी तो एहसास है
हार को भी गले लगाने का
लेकिन फिर बिना रुके
एक और कोशिश कर जाने का
क्या हुआ अगर कदम डगमगाते हैं
बच्चा तो चलना सीख ही जाता है
गिरता है फिर संभलता है
खड़ा होता है अपने छोटे पैरों पर
गिरता है फिर उठता है
और एक दिन चलना सीख जाता है
ज़िन्दगी तो एहसास है
इसी गिरने और संभलने का
गिर के उठने का
फिर गिरने का
और चलना सीख जाने का
हारने या जीतने
का नाम ज़िन्दगी नहीं
हो सकता है मैं हार जाऊं
हो सकता है मै जीत जाऊं
ज़िन्दगी तो एहसास है
मौत को जान लेने का भी
क्या बिना ज़िन्दगी मौत आ सकती है भला
मर भी गया तो कोई बात नहीं
जो लड़ के मरा तो शहीद हो जाऊंगा
ज़िन्दगी तो एहसास है
अपने को जान लेने का भी
बिना लड़े तो न कोई जी पाया है
और न कोई अपने को ही पहचान पाया है
ज़िन्दगी तो एहसास है
ये जान लेने का
कि हार हो या जीत
लड़ना तो पड़ता ही है
हारने या जीतने
का नाम ज़िन्दगी नहीं
हो सकता है मैं हार जाऊं
हो सकता है मै जीत जाऊं
#authornitin #poem #poetry #कविता #covid19 #corona
हारने या जीतने
का नाम ज़िन्दगी नहीं
हो सकता है मैं हार जाऊं
हो सकता है मै जीत जाऊं
ज़िन्दगी तो एहसास है लड़ने का
ज़िन्दगी तो एहसास है
ये साबित करने का
कि मैं मरा नहीं
अभी ज़िंदा हूँ
क्या हुआ गर हार गया
ज़िन्दगी तो एहसास है
कि लड़ता रहा
उस ईश्वर से ये कहता रहा
कि देख तूने व्यर्थ मुझे रचा नहीं
ज़िन्दगी तो एहसास है
कि कहता रहा
बहूँगा तोड़ हर बंधन को मैं
कहता रहा कि तेरे इस संसार को सजाऊंगा
और नए फूल अब खिलाऊंगा
हारने या जीतने
का नाम ज़िन्दगी नहीं
हो सकता है मैं हार जाऊं
हो सकता है मै जीत जाऊं
ज़िन्दगी तो एहसास है
नित नए सृजन गढ़ने का
कुछ नई कोपलें खिलाने का
फिर हार गया तो हार गया
कोई बात नहीं
ज़िन्दगी तो एहसास है
हार को भी गले लगाने का
लेकिन फिर बिना रुके
एक और कोशिश कर जाने का
क्या हुआ अगर कदम डगमगाते हैं
बच्चा तो चलना सीख ही जाता है
गिरता है फिर संभलता है
खड़ा होता है अपने छोटे पैरों पर
गिरता है फिर उठता है
और एक दिन चलना सीख जाता है
ज़िन्दगी तो एहसास है
इसी गिरने और संभलने का
गिर के उठने का
फिर गिरने का
और चलना सीख जाने का
हारने या जीतने
का नाम ज़िन्दगी नहीं
हो सकता है मैं हार जाऊं
हो सकता है मै जीत जाऊं
ज़िन्दगी तो एहसास है
मौत को जान लेने का भी
क्या बिना ज़िन्दगी मौत आ सकती है भला
मर भी गया तो कोई बात नहीं
जो लड़ के मरा तो शहीद हो जाऊंगा
ज़िन्दगी तो एहसास है
अपने को जान लेने का भी
बिना लड़े तो न कोई जी पाया है
और न कोई अपने को ही पहचान पाया है
ज़िन्दगी तो एहसास है
ये जान लेने का
कि हार हो या जीत
लड़ना तो पड़ता ही है
हारने या जीतने
का नाम ज़िन्दगी नहीं
हो सकता है मैं हार जाऊं
हो सकता है मै जीत जाऊं
#authornitin #poem #poetry #कविता #covid19 #corona
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