।। दरियादिल ।।
शर्म से डूब जाना भी दुश्वार हो जाता है कभी-2
कि लोग इतने बेशर्म हो चले हैं
कुछ बड़े दरियादिल देखें हैं इन आँखों ने अभी-2
पर ये दरियादिल बड़े बेशर्म हो चलें हैं
नेकी कर और दरिया में डाल
ये कहावत बड़ी पुरानी हो चली है
कि अब तो ज़माना है दिखावे का
कि लोग बड़े बेशर्म हो चले हैं
दरियादिली का आलम तो देखिए दोस्तों
की हम तो भीड़ हो के दरियादिल हो गए हैं
दिया है इतना कि समंदर में न समायेगा
और तब भी कोई तारीफ़ नहीं करता
की लोग बड़े बेशर्म हो चले हैं
शर्म से डूब जाना भी दुश्वार हो जाता है कभी-2
कि लोग इतने बेशर्म हो चले हैं
#authornitin #poem #poetry
कि लोग इतने बेशर्म हो चले हैं
कुछ बड़े दरियादिल देखें हैं इन आँखों ने अभी-2
पर ये दरियादिल बड़े बेशर्म हो चलें हैं
नेकी कर और दरिया में डाल
ये कहावत बड़ी पुरानी हो चली है
कि अब तो ज़माना है दिखावे का
कि लोग बड़े बेशर्म हो चले हैं
दरियादिली का आलम तो देखिए दोस्तों
की हम तो भीड़ हो के दरियादिल हो गए हैं
दिया है इतना कि समंदर में न समायेगा
और तब भी कोई तारीफ़ नहीं करता
की लोग बड़े बेशर्म हो चले हैं
शर्म से डूब जाना भी दुश्वार हो जाता है कभी-2
कि लोग इतने बेशर्म हो चले हैं
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