।। मुमकिन है तुम समझोगे ।।
।। मुमकिन है तुम समझोगे ।। हालातों ने दर-बदर कर दिया मुमकिन है तुम समझोगे हालातों से लड़ रहे हैं कुछ लोग मुमकिन है तुम समझोगे लेकिन धर्म के नाम पर जो भीड़ है मुमकिन है तुम समझोगे भीड़ धार्मिक नहीं होती मुमकिन है तुम समझोगे भीड़ चाहे हिन्दू हो या मुसलमान कोई नही पायेगा धर्म का सार धर्म तो एकांत का नाम है मुमकिन है तुम समझोगे बुद्ध ने अकेले में ही जाना था सत्य को मुमकिन है तुम समझोगे महावीर ने अकेले ही जाना था सत्य को मुमकिन है तुम समझोगे रह लो कुछ दिन तो एकांत में समझ सकोगे धर्म का सार समझ सके तो मिट जाएंगे भेद सारे मुमकिन है तुम समझोगे समझने में ही है सफलता सभी की मुमकिन है तुम समझोगे #मुमकिन_है_तुम_समझोगे #authornitin #poem #poetry