।। चुनाव का नतीजा ।।

।। चुनाव का नतीजा ।।


चुनाव का नतीजा आने दो
और फिर कभी इसको तो कभी उसको खुशी मनाने दो।

वैसे उनका कुछ नही जाता
वो तो बेशर्म हैं,
कभी चुनाव के पहले रो देते हैं
हार गए तो बाद में रो देंगे।

कुल मिला कर आपकी सहानुभूति ले लेंगे
हारना भी एक कला है,
खासकर राजनीति में,
हारे तो तोहमत जनता पर मढ़ देंगे।

सारे हतकंडे अपनाते हैं जीत की खातिर,
कहते हैं हम बेकसूर हैं,
पूछो की वो कौन था जो पैसे बांट रहा था,
आपको नहीं मिले क्या,
मुस्कुराते हुए आपसे ही पूंछ लेंगे।

पूछेंगे आपसे
क्यों परेशान रहते हैं इतना?
अरे सारे ज़माने के ठेका ले रखा है क्या आपने?
अरे आराम से रहिये और हमें भी रहने दीजिए,
क्यों हमेशा परेशान फिरते हैं,
अरे ये दुनिया है ऐसे ही चला करती है,
आप के बदलने से थोड़ी बदल जाएगी।
और खुद हमें ही सुनना पड़ता है कुछ इस तरह,
और वो ऐसे ही आपको ही सुना कर निकल लेंगे।

एक दिन नेताजी मिले बाज़ार में,
हमको देख के मन्द-2 मुस्कुराए,
जैसे कह रहे हों
देखो इस परेशान आत्मा को
फिर हंस के बोले,
और भाईसाहब क्या हाल हैं आपके,
बड़े उदास दिख रहे हैं।
दुनिया को बदल नहीं पाए क्या?
वो ज़ोर से हंसे इस बार,
जैसे हमारा मज़ाक उड़ा रहे हों।
हम भी जानते थे कि ठीक ही कह रहे हैं जनाब,
ये समाज खुद अपना दुश्मन है।
कहाँ समझता है किसी के समझाए,
करता वही है जो पैसा कराए।
और इसीलिए वो हारें या जीतें,
वो वैसे ही रहे हैं और वैसे ही रहेंगे।

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