।। अक्ल देखिये जी ।।

।। अक्ल देखिये जी ।।



शक्ल में क्या रखा है
अक्ल देखिये जी।

वो आये और कहने लगे कि कुछ कमी है
ये लड़की की अम्मा की नाक कुछ बड़ी है।
तो मैंने पूछा कि शादी तो लड़की से होनी है
तो लड़की की अम्मा की बात कुछ समझ नही आई।
वो बोले इसीलिए लड़की की नाक भी कुछ बड़ी है।
मैंने कहा अरे छोड़िये नाक को
लड़की ग्रेजुएट है, अच्छी नौकरी है
आप नाक पर अटके हैं।
या फिर नाक एक बहाना है
आपको अपने लड़के का रेट बढ़ाना है।
फिर आपका लड़का भेंगा है
वो मुस्कुराए और बोले
अरे लड़के का कोई रूप थोड़ी देखता है,
और लड़की की सिर्फ नाक ही थोड़ी बड़ी है
थोड़ी सावली भी है।
हमारा लड़का पसंद न करेगा
उसे हेमा मालिनी चाहिए।
अब थोड़ा नज़राना ज़्यादा होगा
तो मना लूंगा उसको।
अब समझिए और लड़की वालों को भी समझाइए।
पर लड़की के माँ बाप जो कर सकते थे
आपको बता चुके हैं,
उससे ऊपर वो न कर सकेंगे।
आप समझिए
और शक्ल में क्या रखा है
अक्ल को देखिए।
लड़की हमारी हीरा है हीरा
ज़िन्दगी भर आपको कमा के देगी
ये भी तो देखिए।
पर जनाब अड़े रहे
कि नज़राना बढ़ाइए।
उन्हें पता था कि ये लड़की वाले न सही
तो कोई और देगा नज़राना।
आखिर हमारे समाज की सोच ही कुछ ऐसी है
लड़की चाहे कमाती भी हो
तो भी माँ बाप पर बोझ ही होती है।
सोचते रहते हैं कि कैसे बोझ उतरे
कैसे लड़की की शादी हो
और वो अपने घर जाए।
मायका उसका अपना घर नहीं होता
अपनाना होता है उसे दूसरे का साया।
हालांकि समाज की सोच कुछ बदली है,
लेकिन सिर्फ कुछ लोगों के लिए।
लड़कियों के लिए समाज शायद कुछ बदला हो,
पर बहुओं के लिए अभी भी वही बंदिशें है।

खैर एक आखिरी कोशिश की गई कि शादी तय हो जाये।
समझाया गया कि अक्ल देखिये
शक्ल में क्या रखा है।
पर वो नही माने
अभी लड़की को इस घटनाक्रम के बारे में पता नहीं था
इत्तेफाकन उसने सुना ये सारा वार्तालाप।
सुनते ही उसने सारी परंपराएं तोड़ी
और जड़ा एक तमाचा जनाब को।
बोली तुम्हारे जैसे लालची के घर मैं खुद
जाना नहीं चाहती।
तोड़ दिया रिश्ता तय होने से पहले
बोली आप क्या बोल रहे हैं
कि अक्ल को देखो
शक्ल में क्या रखा है,
इसकी शक्ल ही नहीं
अक्ल में भी भूसा ही रखा है।
इतना सुनते ही जनाब उठे
और भागे, और गायब हो गए
जैसे गधे के सिर पर सींग।
बेटी का आत्मविश्वास
देख बाप का सीना गर्व से फूला
और बेटी से बोला कि
मुझे गर्व है तुझपे।
इसीलिए मैं कहता हूँ कि
अक्ल को देखो
शक्ल में क्या रखा है।

शक्ल में क्या रखा है
अक्ल देखिये जी।

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