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।। ये रात ने चांदनी ओढ़ी कैसे ।।

  ।। ये रात ने चांदनी ओढ़ी कैसे ।। ये रात ने चांदनी ओढ़ी कैसे कैसे ये सितारे आज चमकने लगे क्यों ये शख्स मशहूर हुआ क्यों उसके दांत यूँ दमकने लगे खुजली इसी बात की होती है लोगों को क्यों कोई उनसे आगे निकलने लगे और दौर वो भी था कभी  मेरे दोस्त मुझे पसंद करते थे और एक दौर ये भी है उन्हें लगता है मेरे पंख अब निकलने लगे उड़ न लूँ कहीं उनसे ऊंची उड़ान ये सोच उनके रंग उतरने लगे ऐसी ही है ये दुनिया क्यों फिक्र करूँ मैं इसकी आखिर फिक्र छोड़ दी मैंने दुनिया की तबसे मेरे भाग्य और ज़्यादा निखरने लगे आखिर फिक्र छोड़ दी मैंने दुनिया की तबसे मेरे भाग्य और ज़्यादा निखरने लगे #authornitin #poem #poetry #hindi #urdu #shayari 

।। अमीर हो गया ।।

  ।। अमीर हो गया ।। ग़रीबी हटाते-हटाते वो अमीर हो गया वो नेता था, सत्ता में आते-आते बेज़मीर हो गया चला था वो भी अकेला ही सत्ता के लालच में मतलबी लोगों ने उसे सर पे चढ़ाया और वो अबीर हो गया उसने वादा किया था  गरीबी हटाने का कोशिश भी क्या ख़ूब की उसने कि वो अमीर हो गया सत्ता की राह में रोड़े बहुत आये हटाता रहा वो सबको ऐसे  कि वो सबकी तक़दीर हो गया पैसा भी क्या ख़ूब खेल रचता है सत्ता हथियाने में बाटी उसने इस क़दर नोटों की गड्डियां कि वो शाहमीर हो गया बंदूकें भी खूब रंग लाई कुर्सी पर वो बैठा इनके बल पर लाल रंग ऐसा बहा  कि वो शब्बीर हो गया ग़रीबी हटाते-हटाते वो अमीर हो गया ग़रीबी हटाते-हटाते वो अमीर हो गया #authornitin #poem #poetry 

।। कुछ बात जुनूनी हो जाये ।।

  ।। कुछ बात जुनूनी हो जाये ।। कुछ बात जुनूनी हो जाये कुछ बात सुकूनी हो जाये वो हमेशा मुझे पर्दे के पीछे मिले कहीं और उनसे मिल न सका मैं बस, लेकिन, अब और नहीं दिल के जज़्बात अब पिघलने को हैं अब हट जाए पर्दा तो कोई बात बनें बात बने और रात जुनूनी हो जाये कुछ बात जुनूनी हो जाये कुछ बात सुकूनी हो जाये उनका आना यूँ मयस्सर न था मुझे बस ख्वाबों में वो आते थे अब आये रहम उनका हुआ हम तो बस आह ही भर पाए थे कुछ दिन रह जाते साथ तो बात बने बात बने और रात जुनूनी हो जाये कुछ बात जुनूनी हो जाये कुछ बात सुकूनी हो जाये पैरों को देखा उनके जब एहसास हुआ कि वो सुंदर हैं बहुत नजरें ठहरी और हट न सकी नज़रे उनका दीदार करें सोचा ऐसा सोचा, यूँ ही सच हो जाये तो बात बने बात बने और रात जुनूनी हो जाये कुछ बात जुनूनी हो जाये कुछ बात सुकूनी हो जाये #authornitin #poem #poetry 

।। दिए में सूरज ।।

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  ।। दिए में सूरज ।। दिए में सूरज को समेटे हुए मैं चला राह पर मंज़िल लपेटे हुए कहीं से दूर तलक बस सवेरा ही नज़र आये मुझे मैं चला सारा जहाँ बाहों में समेटे हुए राह की मुश्किलें हार गईं मुझसे मैं चला हार को गले से लपेटे हुए मंज़िलें क्या रोक पाती मुझे अपने तक़ पंहुचने से मैं चला राह पर मंज़िल लपेटे हुए यूँ नज़र आया वो सुबह का सूरज मैं चला चाँद को आंखों में समेटे हुए राहें मुझे भूल जाएंगी, कोई बात नहीं मैं चला यादें दिल में समेटे हुए दिए में सूरज को समेटे हुए मैं चला राह पर मंज़िल लपेटे हुए दिए में सूरज को समेटे हुए मैं चला राह पर मंज़िल लपेटे हुए #authornitin #poem #poetry #कविता #दिए_में_सूरज 

।। वो मिटता ही है ।।

  ।। वो मिटता ही है ।। मरती हुई रूढ़ियों ने पूछा, पूछा नए ज़माने से कि तुम क्यों आए? क्यों आये? और क्यों लाए मेरे लिए पैग़ाम, पैग़ाम मेरी मौत का, पैग़ाम बदलाव का, क्यों लाये? क्यों लाए ये मोगरे की खुशबू, क्यों लाए ये नई बयार, ये नयापन, तुम्हें क्या मुझसे थोड़ा भी लगाव न था? रूढ़ियाँ उदास थीं। देखा नए ज़माने ने, बोला मैं तुम्हारे लिए नहीं आया,  मेरा आना और तुम्हारा मिट जाना ये मेरा नहीं तुम्हारा स्वभाव है। मैं जब आता हूँ तो तुम खुद को अकेला पाते हो क्योंकि तुम बेड़ियों के समान हो और मैं स्वच्छंद हवा के जैसा, तुम घुटन हो और मैं कटी पतंग जैसा। हवाएँ कितनी भी चलें तुम वहीं रहते हो, और मैं खोल अपने पंख उड़ जाता हूँ, पवन जैसा। तुम अकड़े रहते हो, ये सोच कर कि तुम ही सच हो और बाक़ी सब झूठ, और मैं बदलता रहता हूँ पतझड़ से बसंत जैसा। तुम्हारा मरना तुम्हारे कारण है, सड़ता ही है वो पानी जो रुक जाता है। तुम रुके ही क्यों? पूछो कभी अपने-आप से। क्यों जड़ हो गए? देखो अपने-आप को। वो मिटता ही है जो बदलता नहीं, जो चलता नहीं समय के साथ। वो मिटता ही है जो सीख नहीं पाता, सीख नहीं पाता समय के साथ चलना। वो मिटता ही ...

।। तेरे तऱीके ।।

  ।। तेरे तऱीके ।। क्यों न तेरे तऱीके हम भी सीख लें तू चालाक बहुत है, कुछ फ़रेब हम भी सीख लें और ज़माना हमें सिखा न सका खंज़र दिखाना पर तु ही आ तो खंज़र दिखाना हम भी सीख लें जो सीख लेते तुझसे, यूँ धोखा दे जाना आ तुझसे ही बातों से मुक़र जाना हम भी सीख लें तूने बहुत सारे ज़ख़्म दिए हैं मुझे आ अब नमक छिड़क जाना हम भी सीख लें और दस्तूर कुछ भी रहा हो ज़माने का आ तुझे अब भूल जाना हम भी सीख लें जीते जी तुझे ही प्यार करते रहे हम आ अब मरते-मरते रूठ जाना हम भी सीख लें #authornitin #poem #poetry 

।। अंग्रेज़ों का ज़माना ।।

  ।। अंग्रेज़ों का ज़माना ।। अंग्रेजों का ज़माना कॉन्ट्रैक्ट खेती का ज़माना अंग्रेज़ आये कॉन्ट्रैक्ट खेती साथ लाये अंग्रेजों का ज़माना नील की खेती का ज़माना अंग्रेज़ आये  नील की खेती साथ लाये अंग्रेजों का ज़माना किसानों की बर्बादी का ज़माना अंग्रेज़ आये किसानों की बर्बादी साथ लाये अंग्रेजों का ज़माना किसानों की भुखमरी का ज़माना अंग्रेज़ आये  किसानों की भुखमरी साथ लाये अंग्रेज़ों का ज़माना बिहार और बंगाल की बर्बादी का ज़माना अंग्रेज़ आये बिहार और बंगाल की बर्बादी साथ लाये अंग्रेज़ो का ज़माना हिंदुस्तान की बर्बादी का ज़माना अंग्रेज़ आये हिंदुस्तान की बर्बादी साथ लाये फिर आया साउथ अफ्रीका से एक फ़क़ीर समझने निकला पूरे हिंदुस्तान को बैठ कर थर्ड क्लास के डिब्बे में आखिर पहुंचा चंपारण, शुरू की बात किसान के हक़ की लगाई आग क्रांति की चंपारण जागा जागा हिंदुस्तान गया  अंग्रेज़ों का ज़माना किसानों की लड़ाई से जागा हिंदुस्तान गया अंग्रेजों का ज़माना गया  अंग्रेज़ों का ज़माना #अंग्रेज़ों_का_ज़माना #किसान  #कविता #authornitin #poem #poetry