।। उम्मीदें ।।
।। उम्मीदें ।।
उम्मीदें यूँ टूट जाती हैं कभी
कि वक़्त रह-रह कर ठहर जाता है
और लहरों का गुमां देख लो अभी
समंदर रुकता है ठहर जाता है
ये सारा जहां देख लिया हमने
सुनता है पर मतलब हो तो ठहर जाता है
रुक-रुक कर हवाएँ भी चलती हैं यहाँ
और कभी-कभी तूफ़ान भी ठहर जाता है
जो सोचता था कि वो लाएगा बदलाव जहाँ में
वो देख के मंज़र ठहर जाता है
रुख़्सत हुआ था मेरा बुरा वक़्त अभी-अभी
पर वो भी मुझे तन्हा देख के ठहर जाता है
तेरे जुदा होने ने ऐसा तन्हा किया हमें
के मेरा साया भी मुझसे लिपट कर ठहर जाता है
आवाज़ आई मेरे दिल के तहख़ाने से
के तू आये न आये तेरा ग़म तो यहीं ठहर जाता है
यूँ तो मैं जुदा हुआ नहीं कभी तुमसे
ये तेरा अक्स ही है जो ठहर जाता है
याद भी तेरी इतनी संगदिल निकली
कि अल्फ़ाज़ तेरी याद में ठहर जाता है
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