।। धर्म की पोटली ।।

 ।। धर्म की पोटली ।। 


ये धर्म की पोटली में

जो ख़ुराक़ रखी है

नाम धर्म का है

पर खुराक नकली है


पिलाया गया ज़हर

धर्म के नाम पर

सदियों से

बनाया गया गुलाम

धर्म के नाम पर

सदियों से

ये बस है एक दुकान

ये पहचान नक़ली है


धर्म के ये ठेकेदार

दिखते हैं हाथ जोड़े

लगता है इनसे सभ्य कोई नहीं

पर दिल में है खंज़र

और ये मुस्कान नकली है

पर दिल में है खंज़र

और ये मुस्कान नक़ली है


बनते हैं ये समाज सुधारक

पर दुनिया को सबसे ज़्यादा

है इन्ही से खतरा

क्योंकि ये जो दिखते हैं

वो पहचान नक़ली है


ये धर्म के नाम पर

सिर्फ भीड़ चाहते हैं

ये भीड़ वाला धर्म

और ये ईमान नक़ली है


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