।। मनीषा ।।

 ।। मनीषा ।।



देश ये है,

देश वो है,

बहुत करते हो बात

देश की।


वो मनीषा नहीँ मरी,

मरा है देश का एक कोना,

मरा है देश का एक हिस्सा,


वो मनीषा नहीं मरी,

कब्ज़ा लिया है घर बैठे दुश्मन ने

ज़मीन का एक कोना।


अरे देश किसी ज़मीन के टुकड़े का नाम नहीं,

देश बनता है वहाँ के लोगों से,

लोग मरते रहे तो देश को कैसे बचाओगे।


देश ये है,

देश वो है,

बहुत करते हो बात

देश की।


और कितनी निर्भया चाहिए

और चाहिए कितने सुशांत


रोज़ देश का एक हिस्सा,

यूँ ही, बस यूँ ही

चला जाता है

कब्ज़ा लेता घर में बैठा दुश्मन

बस ऐसे ही

थोड़ी-थोड़ी ज़मीन।


देश बनता है लोगों से

लोगों के जज़्बातों से

लोग मरते रहे तो देश को कैसे बचाओगे।


देश ये है,

देश वो है,

बहुत करते हो बात

देश की।


वो मनीषा नहीँ मरी,

मरा है देश का एक कोना,

मरा है देश का एक हिस्सा,



#justiceformanisha #hathras #हाथरस #मनीषा 

#authornitin 





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