।। कोई आया ही नहीं ।।
।। कोई आया ही नहीं ।। वक़्त आज मिला बेहिसाब कोई आया ही नहीं मैं अकेला ही रहा आज कोई आया ही नहीं जिन्हें आना था वो तो कहीं दंगों में फंस गए कोई आया ही नहीं मत पूंछो दर्द की इंतेहा आज कोई आया ही नहीं और रोने से भी क्या होगा हांसिल कोई आया ही नहीं एक कहानी फिर हुई नाक़ाम आज कोई आया ही नहीं हो न पाई उनसे मुलाकात कोई आया ही नहीं क्यों होते हैं सियासतदां गुनाहगार कोई आया ही नहीं न करो मुझसे कोई बात कोई आया ही नहीं हंसा था मैं कल की है बात पर आज कोई आया ही नहीं वो रेशमी से थे जस्बात पर आज कोई आया ही नही इन दंगों ने खा लिए कुछ लोग इसलिये कोई आया ही नही मिलना था बहुत लोगों से आज पर कोई आया ही नहीं तुम कैसे समझोगे मेरे दर्द को कोई आया ही नहीं एक और शाम रह गई तन्हा कोई आया ही नहीं सियासत ने उजाड़ दिए कई मकान और बचाने कोई आया ही नहीं कई गलियां गुलज़ार थी पहले, आज कैसे कोई आया ही नहीं राम ने रहीम को कल ही देखा था, पर आज देखने कोई आया ही नहीं कहने को तो इतनी सी ही है बात कि कोई आया ही नहीं पर दर्द समाया ह...