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।। वो क़ातिल है ।।

  ।। वो क़ातिल हैं ।। जज़्बात के खुलासे अभी-अभी हुए हैं अभी-अभी पता चला है कि वो क़ातिल हैं थोड़ा वक़्त और गुज़रने दो  तुम देखोगे कि वो पेशेवर भी हैं अभी-अभी जाना है कि उनका पेशा क्या है और अभी-अभी वो लाशों का सैलाब आया है गद्दी तक़ पहुंचने का रास्ता कैसा भी हो उन्हें सिर्फ़ गद्दी से मतलब है अभी तो गद्दी पर थोड़ा वक़्त गुज़रा है  अभी-अभी तो खून चखा है  अभी-अभी तो अंधेरा घना हुआ है अभी-अभी तो स्वाद आया है और तुम चाहते हो जीना, अभी-भी? रहने दो!  अभी-अभी तो उन्हें प्यास लगी है अभी-अभी तो जीना शुरू किया है उन्होंने और अभी-अभी तो खून से सनी है चोंच उनकी अभी-अभी तो नोचा है मांस का टुकड़ा उन्होंने और अभी-अभी तो दावत-ए-ख़ास आया है अभी-अभी तो नोचा है मांस का टुकड़ा उन्होंने और अभी-अभी तो दावत-ए-ख़ास आया है #authornitin #poem #poetry 

।। मौत का उद्घोष ।।

  ।। मौत का उद्घोष ।। वो आते हैं कुछ बोलते हैं चले जाते हैं। और जब तक़ बोलते हैं भक्तों के कान में  सारंगी बजती है। ये भक्त बड़े अजीब हैं इन्हें गिद्ध की चोंच में लटका मांस  का टुकड़ा नज़र नहीं आता। इन्हें गिद्ध का संगीत सुनाई नहीं देता। इनकी आंखों को तो  नज़र आता है बस अपने स्वामी का  चमकता चेहरा। चाहे उस चेहरे के पीछे कितनी भी कालिख़ हो चाहे कितने ही खून के धब्बे हों। भक्त को तो सुनाई देती है  सिर्फ सारंगी। चाहे वो मौत का उद्घोष ही क्यों न हो। इसी सारंगी को सुनाने भक्तों को मनाने वो आते हैं बार-बार। वो आते हैं कुछ बोलते हैं चले जाते हैं। और जब तक़ बोलते हैं भक्तों के कान में  सारंगी बजती है। #authornitin #poem #poetry #kavita #shayari #मौत_का_उद्घोष 

।। हुक़ूमत किसकी है ।।

  ।। हुकूमत किसकी है ।। शमशान, कब्रिस्तान, कफ़न, लाशें सब पूछते हैं कि हुकूमत किसकी है अस्पतालों में हुजूम और मेलों की भीड़  सब पूछते हैं कि हुकूमत किसकी है मकान में क़ैद ये इंसान और बाहर से बंद ये दुकान सब पूछते हैं कि हुक़ूमत किसकी है राहों में कुछ दरबारी वोट मांग रहें हैं झूठ पर झूठ बोल वो सीना तान रहे हैं सच का ये मरघट और झूठ की ये दुकान सब पूछते हैं कि हुक़ूमत किसकी है  मीलों पैदल चलता मज़दूर और धरने पर बैठा किसान सब पूछते हैं कि हुक़ूमत किसकी है  बस कुछ शब्द बोले थे उन्होंने और सब बन्द हो गया सिर्फ उनकी चली हुक़ूमत और सब बन्द हो गया काफ़ी लोग भूखे रह गए, भूख से परेशान ये इंसान सब पूछते हैं कि हुक़ूमत किसकी है भ्रष्टाचारी नेता और बिके हुए पत्रकार को छोड़ कर सब पूछते हैं कि हुक़ूमत किसकी है #authornitin #poem #poetry #hindipoem #hindi #hindishayari #kavita #shayari #कविता #शायरी 

।। क्यों देख रहा है ।।

  ।। क्यों देख रहा है ।। कुछ रोशनी कम-सी तो नहीं है ये सांस भी बेदम-सी तो नहीं है भर लो थोड़ी सी जो नमीं है आंखों में कहीं प्याले में आंसुओं की कमी तो नहीं है रोज़ देखता हूँ कि वो मुझे देख रहा है सवाल है कि क्यों देख रहा है उसीके उसूल हैं और उसी का डंडा फिर हर बात में वो मुझे क्यों घूर रहा है बनाया सब कुछ जब उसी ने ही है चलाता सब कुछ जब वो खुद ही से है तो क्यों मुझपर चलता रहा है उसका डंडा क्यों सफ़र में मैं अकेला हूँ वो भी नहीं है हिम्मत है तो आये वो साथ मेरे  चले कुछ दूर वो भी तो साथ मेरे क्यों छोड़ रखा है उसने मुझको अकेला  साथ क्यों वो मेरे नहीं है रात भर ये सवालात चलते हैं मेरे ज़हन में क्यों नम हैं इस शहर में, हज़ारों आंखे  क्यों बिकता है सब कुछ चंद सिक्कों की ख़ातिर क्यों वो सिर्फ देखता है, करता कुछ भी नहीं है #authornitin #poem #poetry #shayari #hindi #hindishayari #kavita #hindikavita #कविता #शायरी 

।। मसरूफियत ।।

  ।। मसरूफियत ।। तेरी मसरूफियत है ऐसी के बस तन्हाइयां हैं हम नहीं हैं। ये बादल है अकेला पर इसको इसका ग़म नहीं है। ये जादू है सफ़र का के चलना है पर दम नहीं है। उस शाम आँखों में झाँका तेरी रुसवाइयों का ग़म नहीं है। वो इश्क़ में भी है अकेला पर उसको इसका भी ग़म नहीं है। दिलों में तन्हाइयां हैं बेशक पर राहों पर भीड़ कुछ कम नहीं है। कई किस्से हैं कई कहानियां पर इन किस्सों में शायद हम नहीं हैं। #authornitin #poem #poetry #hindipoetry #hindishayari 

।। मसला ।।

  ।। मसला ।। कहीं नोट बन्द हुई  तो कहीं दिल को क़रार आया कहीं मसला पैदा हुआ तो कहीं मलाल आया आये तो थे वो  तरक़्क़ी लाने की ख़ातिर पर कहीं भूख आई और कही भूचाल आया ज़माने भर के लोग साथ थे उनके आंखें बन्द कर राज़दार थे उनके पर आई बेबसी हाथ उनके भी कहीं भुखमरी तो कहीं अकाल आया राह देख रहीं जो आंखें, खुशहाली की उनके हिस्से भी बस सवाल आया कहीं सब बन्द है  तो कहीं सब खुला-खुला बस कहीं पेट की भूख है तो कहीं चुनाव आया मसला तो बस चुनाव ही है साहब भूखा, बीमार, बेरोज़गार तो हर साल आया देख लेंगे कभी न कभी इनको भी आख़िर चुनाव तो इतने साल बाद आया #authornitin #poem #poetry #hindishayari 

।। आशा ।।

  ।। आशा ।। आशाओं की पहेली में कुछ लम्हे हैं कुछ सांसें हैं कुछ ऊपर जाती लहरें हैं कुछ नीची जाती राहें हैं कुछ सम्हले तो आशाएं जगीं कुछ जागे तो आशाएं पलीं इनकी क़ीमत बस जीवन है जो हँसता है इनको पाकर आशाओं से उम्मीदों से  नव प्रकाश पाकर ये हंसता है पुलकित हो कर यूँ खिलता है जैसे कली से पुष्प खिला कुछ जाग गए कुछ सोये हैं कुछ पुलकित हैं कुछ खोए हैं कुछ गीत अधरों पर अब उभरे आशाओं ने संगीत दिया बिन आशा के जो सिमटे थे आशाओं ने यूँ पंख दिया उड़ चले हवा की बाहों में नवजीवन का प्रकाश लिए ये जादू है आशाओं का जो समझ गए वो जीत गए ये जादू है आशाओं का जो समझ गए वो जीत गए #आशा #authornitin #author #poet #poem #poetry #poetrylover #shayari #hindipoem #hindi #hindishayari