।। कीलों की खेती ।।

 ।। कीलों की खेती ।।



बदस्तूर जारी है तेरा कीलों के बीच रेंगना

कुछ बिछाई है तूने कुछ हम उखाड़ फेकेंगे


तेरी सोच की ऊँचाई बस इतनी ही निकली

कि कीलें तुझे पहाड़ नज़र आईं


तुझे लगा तू रोक लेगा हमें कीलों के पहाड़ से

पर हमारा आना बदस्तूर जारी है


सोच के देख कि सोच कितनी छोटी है तेरी

अपनों के रास्तों में भी तू कीलें बिछाता है


राहें दिखाने की उम्मीद किये बैठे थे लोग जिससे,

वो राहों को रोकने में मशगूल नज़र आता है


होते-होते होती है दुश्मनी इस क़दर

कि तुझे मेरा नुकसान ही अपना फ़ायदा नज़र आता है


रास्ते सारे नाख़ुश हैं आज तुझसे

कि मंज़िलों पर बस तू ही नज़र आता है


देखेंगे ये सारे रास्ते एक दिन तेरी हार भी

कि तेरा सिर्फ़ मंज़िलों पर नज़र रखना गिराता है तुझे


गिराता है तुझे हर रास्ते कि नज़रों से

तेरा वजूद मिटता हुआ साफ नज़र आता है


नज़र आता है कि मिट रही है तेरी हस्ती बड़ी तेजी से

तभी तो तू इतना बेचैन नज़र आता है


नज़र आता है कि मिट रही है तेरी हस्ती बड़ी तेजी से

तभी तो तू इतना बेचैन नज़र आता है


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