।। वो क़ातिल है ।।
।। वो क़ातिल हैं ।। जज़्बात के खुलासे अभी-अभी हुए हैं अभी-अभी पता चला है कि वो क़ातिल हैं थोड़ा वक़्त और गुज़रने दो तुम देखोगे कि वो पेशेवर भी हैं अभी-अभी जाना है कि उनका पेशा क्या है और अभी-अभी वो लाशों का सैलाब आया है गद्दी तक़ पहुंचने का रास्ता कैसा भी हो उन्हें सिर्फ़ गद्दी से मतलब है अभी तो गद्दी पर थोड़ा वक़्त गुज़रा है अभी-अभी तो खून चखा है अभी-अभी तो अंधेरा घना हुआ है अभी-अभी तो स्वाद आया है और तुम चाहते हो जीना, अभी-भी? रहने दो! अभी-अभी तो उन्हें प्यास लगी है अभी-अभी तो जीना शुरू किया है उन्होंने और अभी-अभी तो खून से सनी है चोंच उनकी अभी-अभी तो नोचा है मांस का टुकड़ा उन्होंने और अभी-अभी तो दावत-ए-ख़ास आया है अभी-अभी तो नोचा है मांस का टुकड़ा उन्होंने और अभी-अभी तो दावत-ए-ख़ास आया है #authornitin #poem #poetry