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Showing posts from May, 2021

।। कफ़न से सूट तक़ ।।

।। कफ़न से सूट तक़ ।। पहले लोग मरे उसके कारण, उसकी नीतियों के कारण। फिर लाशें दफनाई गईं। फिर लाशों से कफ़न छीने गए उसका सूट बनाने की खातिर। सोचता हूँ, कैसा दिखेगा वो जब पहन कर आएगा कफ़न के कपड़ों से बना सूट। और, उसी सूट को पहन वो मांगेगा वोट। वो पहनता है दुनिया का सबसे महंगा सूट। आख़िर कफ़न के कपड़ों से बने सूट से महंगा क्या हो सकता है? #authornitin #poem #poetry 

।। रोते रहना ।।

  ।। रोते रहना ।। रोने की ये कोशिश तुम करते रहना सबको पॉजिटिव रहने का बोल खुद रोते रहना घड़ियाली आंसू पहचान है तुम्हारी कुछ भी हो जाए अपनी पहचान मत खोने देना सबको पॉजिटिव रहने का बोल खुद रोते रहना रोते-रोते  अपनी इमेज रगड़-रगड़ धोते रहना वैसे तुम्हारे घड़ियाली आँसू मशहूर हैं दुनिया में तुम उन्हीं के सहारे सबकी दया हासिल करते रहना सबको पॉजिटिव रहने का बोल खुद रोते रहना #authornitin #poem #poetry 

।। फ़क़ीरी ।।

  ।। फ़क़ीरी ।। फ़क़ीर की फ़क़ीरी देख फ़क़ीरी शर्मा गई। दस लाख का  सूट देख अमीरी शर्मा गई। पैंतीस हज़ार का मशरूम खाता देख कुबेर  शर्मा गए। फ़क़ीर की टैक्स वसूली देख अंग्रेज़ भी शर्मा गए। लाशों को नदियों में बहता देख शैतान भी शर्मा गया। खैर…..! फ़क़ीर ने झोला उठाया और चला गया। कहानी ख़त्म। #authornitin #फ़क़ीरी #poem #poetry 

।। तख़्त पर बैठा मुर्गा ।।

  ।। तख़्त पर बैठा मुर्गा ।। तख़्त पर बैठा मुर्गा अपने-आप को सूरज समझ बैठा है। वो समझता है कि सुबह उसके बांग देने से होती है। और इसीलिए  अब वो दिन भर बांग देता है। बोलता ही रहता है कभी यहाँ तो कभी वहाँ। ढूंढता रहता कि कहीं चुनाव हो रहा हो और वो वहाँ जाए और बोले, और मांगे अपने लिए वोट लोगों को बताकर कि  सुबह उसके कारण ही होती है। इसीलिए वो बोलता है, बेहिसाब, बताता है कि वो हारा तो वो बांग नही देगा। और रोक देगा सूरज को उगने से। और रोक देगा सूरज को उगने से। #authornitin #poem #poetry