'अंतर्मन को छू लेने वाला काव्य संग्रह' - दैनिक जागरण
।। तुम हार मत मानना ।।
उम्मीदें कम हो जाएं
सवाल बढ़ जाएं
कोई बात नहीं
तुम हार मत मानना
अंधेरा कितना भी घना हो
सीधा न चल पाओ
कोई बात नहीं
तुम हार मत मानना
चलते जाना हो जाये मुश्किल
लड़खड़ाने लग जाएं कदम
कोई बात नहीं
तुम हार मत मानना
कुछ नई बातें भी होंगी
कुछ सीखने को भी मिलेगा
बस डंटे रहना
तुम हार मत मानना
यूँ ही तो होती है ज़िन्दगी
कभी मीठे तो कभी कड़वे अनुभव देती है
कड़वे अनुभव आएं
कोई बात नहीं
तुम हार मत मानना
सफर कितना भी बड़ा हो
कितनी भी मुश्किलें आएं
कोई बात नहीं
तुम हार मत मानना
#authornitin #poem #poetry
Now the part of the book
#चलो_कुछ_जाग_जाएं ।
पुस्तक का हिस्सा है अब ये कविता। इसी तरह की और कविताओं को पढ़ने के लिए ज़रूर पढ़ें पुस्तक
#चलो_कुछ_जाग_जाएं
'अंतर्मन को छू लेने वाला काव्य संग्रह' - दैनिक जागरण
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सवाल बढ़ जाएं
कोई बात नहीं
तुम हार मत मानना
अंधेरा कितना भी घना हो
सीधा न चल पाओ
कोई बात नहीं
तुम हार मत मानना
चलते जाना हो जाये मुश्किल
लड़खड़ाने लग जाएं कदम
कोई बात नहीं
तुम हार मत मानना
कुछ नई बातें भी होंगी
कुछ सीखने को भी मिलेगा
बस डंटे रहना
तुम हार मत मानना
यूँ ही तो होती है ज़िन्दगी
कभी मीठे तो कभी कड़वे अनुभव देती है
कड़वे अनुभव आएं
कोई बात नहीं
तुम हार मत मानना
सफर कितना भी बड़ा हो
कितनी भी मुश्किलें आएं
कोई बात नहीं
तुम हार मत मानना
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'अंतर्मन को छू लेने वाला काव्य संग्रह' - दैनिक जागरण
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