Posts

Showing posts from June, 2021

।। डुबोना ।।

  ।। डुबोना ।। चंद लम्हों की बारिश ने  डुबोया है शहर सारा के तुमने प्यार से देखा ही था औऱ हम भी बस डूबे ही थे वो बारिश याद है मुझको आसमाँ भी डूबने को बेताब था सारा के तुमने प्यार से देखा ही था और हम बस डूबे ही थे #authornitin #poem #poetry

।। रंगीन जवाब ।।

  ।। रंगीन जवाब ।। सवाल ढेरों उठते हैं मन में पर एक सवाल ये भी है कि क्या पूंछने से हमेशा  जवाब मिल ही जाता है? और मिल भी जाय  तो क्या वो जवाब  भाता है मन को? क्योंकि सच हमेशा स्वीकार्य नहीं होता। ज़्यादातर हम तलाशते हैं जवाब ऐसे जो हमें भा जाएं। जो आसान हो हमारे लिए ऐसे जवाब जो रंगीन हों जो हों मीठे शरबत की तरह। #authornitin #poem #poetry 

।। के अब जाने का वक़्त है ।।

  ।। के अब जाने का वक़्त है ।। झोला उठा लो  के अब जाने का वक़्त है सुरमा लगा लो के अब जाने का वक़्त है जाओ के सब लुट गया रियासत में तुम्हारी कुछ तो शर्म खाओ के अब जाने का वक़्त है गंगा साफ़ क्या होती तुमने तो लाशें हैं बहाईं अब तो कुछ होश में आओ के अब जाने का वक़्त है #authornitin #poem #poetry

।। वो हार चुका है ।।

  ।। वो हार चुका है ।। हुक़ूमत का  यूँ संगदिल हो जाना यूँ क़ातिल हो जाना कुछ और नहीं एहसास है राजा का कि वो हार चुका है। हुक़ूमत का  यूँ खबरें दबाना यूँ अखबारों को खरीदते जाना कुछ और नहीं एहसास है राजा का कि वो हार चुका है। हुक़ूमत का यूँ नफ़रत से भर जाना यूँ रोज़-रोज़ और कायर होते जाना कुछ और नहीं एहसास है राजा का कि वो हार चुका है। #authornitin #poem #poetry